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10 लाख में हुआ था बाबा तरसेम की हत्या का सौदा, चार षड़यंत्रकारी गिरफ्तार, शूटर हैं अब भी फरार

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रुद्रपुर लोकपथ संदेश ब्यूरो
नानकमत्ता धार्मिक डेरा कार सेवा के प्रमुख सेवादार जत्थेदार बाबा तरसेम सिंह की हत्या के मामले में पुलिस ने चार षड़यंत्रकारियों को गिरफ्तार कर लिया है। अब तक की जांच में सामने आए तथ्यों के बारे में खुलासा करते हुए एसएसपी डॉ. मंजूनाथ टीसी ने बताया कि बाबा तरसेम सिंह की हत्या का शूटरों के साथ दस लाख रुपए का सौदा हुआ था।
एसएसपी ने प्रेस वार्ता में बताया कि हत्याकांड को सरवजीत सिंह पुत्र स्वरूप सिंह निवासी ग्राम मियांविड थाना तरन तारण पंजाब और अमरजीत सिंह उर्फ बिट्टू उर्फ गंडा पुत्र सुरेंदर सिंह निवासी ग्राम सिहौरा, बिलासपुर जिला रामपुर ने अंजाम दिया था। हत्याकांड के बाद दोनों फरार हो गए थे। उन्होंने बताया कि दोनों आरोपी 19 मार्च को गुरुद्वारा नानकमत्ता की सराय के कमरा नंबर 23 में रुके थे। बाबा तरसेम सिंह के बारे में सटीक जानकारी पाने के लिए उन्होंने सेवादार अमनदीप उर्फ काला पुत्र कुलदीप सिंह निवासी बरा जगत, अमरिया पीलीभीत को लालच देकर अपने साथ मिला लिया था। 28 मार्च की सुबह सेवादार अमनदीप की सूचना पर ही बाबा को अकेले पाकर शूटरों ने उनकी गोली मारकर हत्या कर दी थी। उन्होंने बताया कि दोनों शूटरों से दिलबाग सिंह पुत्र लक्ष्मण सिंह निवासी ग्राम कबीरपुर, थाना निगोही जिला शााहजहांपुर ने बाबा की हत्या सौदा किया था। वहीं बलकार सिंह पुत्र दर्शदा निवासी ग्राम बाधे कंजा करेली पीलीभीत, सतनाम सिंह, परगट सिंह, हरविंदर सिंह उर्फ पिंदी पुत्र मलकीत सिंह निवासी रणधीरपुर, तिलहर, शाहजहांपुर ने फरवरी में दोनों शूटरों से सम्पर्क साधा था। हत्या का सौदा 10 लाख में हुआ था। 60 हजार बयाना दिया गया था। घटना से पूर्व दोनों शूटरों को कुल 1.60 लाख रुपये दिये गए थे। उन्होंने बताया कि शूटरों को दी गई रकम कहां से आई और किसने दिलबाग सिंह को दी, इसकी जांच की जा रही है। इस षड़यंत्र में कौन और कितने लोग शामिल हैं, इसकी जांच में पुलिस टीमें जुटी हुई हैं। शूटरों की तलाश जारी है और शूटरों की गिरफ्तारी के लिए रखे गए ईनाम की राशि 50 हजार से बढ़ाकर एक लाख करने के लिए डीजीपी को संस्तुति की गई है।

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