रामलला के दर्शन को 475 किमी. पैदल चले ‘हनुमान’, श्री हनुमानगढ़ी में स्वागत
रुद्रपुर लोकपथ संदेश ब्यूरो
रुद्रपुर उत्तराखंड से लेकर अयोध्या तक 475 पैदल चलकर रामलीला में पवनपुत्र हनुमान का पात्र निभाने वाले सुशील गाबा अयोध्या पहुंच गए हैं। यहां ऐतिहासिक श्री हनुमान गढ़ी पीठ के महंत डॉ. देवेशाचार्य महाराज ने उनका रामनाम का पटका पहनाकर उत्साहवर्धन कर स्वागत किया और उनको आशीर्वाद दिया। वहीं रुद्रपुर से ही साईकिल से अयोध्या गए जसविंदर सिंह खरबंदा का भी स्वागत किया गया।
अयोध्या की सरयू नदी के दाहिने तट पर ऊंचे टीले पर स्थित हनुमानगढ़ी सबसे प्राचीन मंदिर माना जाता है। अयोध्या में राम जन्मभूमि के दर्शन करने से पूर्व यहां पर हनुमान जी के ही दर्शन किए जाते हैं। मान्यता है कि लंका विजय करने के बाद हनुमान यहां एक गुफा में रहते थे और श्री राम जन्मभूमि और रामकोट की रक्षा करते थे। इसी कारण इसका नाम हनुमानगढ़ या हनुमान कोट पड़ा। इसे ही हनुमान जी का घर भी कहा गया।