पूर्व सांसद तुलसी गबार्ड के पार्टी से इस्तीफे के बाद रूस-यूक्रेन जंग में अमरीका का सेना भेजने से इनकार
रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग बेहद संगीन मोड़ पर पहुंच चुकी है। क्रीमिया में 3 अरब डॉलर की लागत से बने ब्रिज पर हमले के बाद से पुतिन का पारा सातवें आसमान पर है। यूक्रेन की जमीन पर पुतिन के गुस्से और बदले का बेहिसाब बारूद बरस रहा है..लगातार दो दिन यूक्रेन के उन लक्ष्यों को निशाना बनाया गया है जो अब तक नहीं बनाए गए थे। ऐसे में यूक्रेन मदद के लिए अमरीका समेत तमाम यूरोपीय देशों से गुहार लगा रहा है। यूरोपीय देशों ने यूक्रेन को भरपूर मदद का वादा भी किया है। इसी बीच रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर अमरीका की तरफ से बड़ा बयान आया है। अमरीका ने साफ किया है कि वो रूस के के साथ किसी भी तरह का संघर्ष नहीं चाहता है। अमरीका का ये बयान उस वक्त आया है जब अमरीका में पूर्व संसद और डेमोक्रेट पार्टी की प्रभावशाली नेता तुलसी गबार्ड ने पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।
एक तरफ रूस ने यूक्रेन पर हमलों की रफ्तार और ताकत बढ़ा दी है। हमलों के साथ पुतिन और उनके करीबियों के बयानों को सुनकर नौबत परमाणु हमले तक की बनती दिख रही है। उधर अमरीका के नेतृत्व में नाटो भी युद्ध की तैयारी करता दिख रहा है। यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की को भरपूर मदद दी जा रही है। इन हालात में अमरीका की पहली हिंदू सांसद तुलसी गबार्ड ने सत्ताधारी डेमोक्रेटिक पार्टी छोड़ दी है। गबार्ड ने आरोप लगाए हैं कि यह पार्टी कुछ एलीट लोगों के नियंत्रण में है। जो जंग भड़का रहे हैं