छुट्टियों में दिल्ली भागे 6 मासूम, 8 घंटे में पुलिस ने सभी को सकुशल परिजनों तक पहुंचाया!
पिथौरागढ़ से निकले बच्चों को खटीमा पुलिस ने दिल्ली जाने से पहले ही दबोचा, पुलिस की मुस्तैदी से टली बड़ी अनहोनी
ऊधमसिंहनगर/पिथौरागढ़। गर्मी की छुट्टियों में बिना बताए घर से निकले छह मासूम बच्चों को दिल्ली जाने से पहले ही खटीमा पुलिस ने समय रहते पकड़ लिया और सुरक्षित रूप से परिजनों को सौंप दिया। यह कामयाबी उत्तराखंड पुलिस के दो जिलों—पिथौरागढ़ और ऊधमसिंहनगर—की बेहतरीन तालमेल और तेज कार्रवाई का परिणाम है। पिथौरागढ़ जिले के अलग-अलग मोहल्लों में रहने वाले ये छह नाबालिग आपस में रिश्तेदार हैं और पिछले दो महीने से चुपचाप दिल्ली घूमने की योजना बना रहे थे। छुट्टियां शुरू होते ही, बिना किसी को बताए, वे अपने जेब खर्च से इकट्ठा पैसे लेकर दिल्ली के लिए रवाना हो गए। 13 जून को बच्चों के अचानक गायब होने से उनके घरों में हड़कंप मच गया। परिजनों ने तुरंत कोतवाली पिथौरागढ़ में रिपोर्ट दर्ज कराई। पिथौरागढ़ पुलिस ने बिना देरी के टनकपुर, चंपावत और ऊधमसिंहनगर जिलों को अलर्ट कर दिया।सूचना मिलते ही एसएसपी मणिकांत मिश्रा के निर्देश पर ऊधमसिंहनगर पुलिस हरकत में आई। खटीमा पुलिस ने दिल्ली की ओर जाने वाली सभी बसों की सघन चेकिंग शुरू की और मात्र आठ घंटे में दिल्ली जा रही रोडवेज बस से छहों बच्चों को बरामद कर लिया। उनकी इस तेज़ कार्रवाई से एक बड़ी अनहोनी टल गई।इस ऑपरेशन में चौकी प्रभारी चकरपुर उपनिरीक्षक विकास कुमार, हेड कांस्टेबल विद्या सागर, कांस्टेबल ईश पाल, और महेश रौंकली की टीम ने शानदार भूमिका निभाई। उनकी सतर्कता और संवेदनशीलता के चलते बच्चों को सकुशल उनके घर पहुंचाया जा सका। यह घटना साबित करती है कि जब उत्तराखंड पुलिस एकजुट होकर काम करती है, तो हर चुनौती आसान हो जाती है। बच्चों की सलामती के लिए इस तेज़ और सफल रेस्क्यू ऑपरेशन की हर ओर सराहना हो रही है..