रुद्रपुर: सस्ते में आवास पंजीकरण के नाम पर पैसा जमा करा रहा बिल्डर, नगर निगम के नाम का फर्जी इस्तेमाल मेयर व सहायक नगर आयुक्त ने लिखे पत्र, फर्जीवाड़े की आशंका
रुद्रपुर। मैसर्स औजस टाउनशिप प्राइवेट लिमिटेड क्षेत्र के शिमला पिस्तौर में साढ़े तीन लाख में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर देने का दावा करके लोगों से पंजीकरण के नाम पर पांच हजार रुपये जमा करा है। इसमें नगर निगम रुद्रपुर के नाम का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। रुद्रपुर के मेयर रामपाल सिंह ने स्पष्ट किया है कि इस प्रोजेक्ट से नगर निगम का कोई लेना देना नहीं है। उन्होंने इस संबंध में अपर मुख्य सचिव आवास देहरादून को पत्र अनियमितताओं की ओर ध्यान आकृष्ट कराया है। यदि आप भी इस योजना में घर पाने की चाहत रखते हैं तो सतर्क हो जाइए।
गौरतलब है कि मैसर्स औजस टाउनशिप प्राइवेट लिमिटेड दिल्ली का बिल्डर है। उसने डीडी चौक पर पंजाब एंड सिंध बैंक के बाहर एक कैंप लगा रखा है। जहां लोगों को बताया जा रहा है कि उत्तराखंड आवास एवं विकास परिषद के सौजन्य से प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के अंतर्गत साढ़े तीन लाख में घर उपलब्ध है, जो क्षेत्र के ग्राम शिमला पिस्तौर में मिलेगा। इस योजना का पंजीकरण शुल्क पांच हजार रुपए रखा गया है। पंजीकरण की अंतिम तारीख 15 दिसंबर रखी गई है। घर चूंकि लोगों का सपना होता है, इसीलिए लोग पांच हजार रुपए जमा करा रहे हैं। परियोजना में भाग लेने के लिए आवेदन के लिए जिलाधिकारी कार्यालय, नगर निगम रुद्रपुर समेत दस स्थान दर्शाए गए हैं। प्रचार सामग्री पर उत्तराखण्ड सरकार का लोगो भी इस्तेमाल किया गया है। पांच हजार रुपए जमा कराकर ब्रोशर दिया जा रहा है।
इस प्रोजेक्ट की विश्वसनीयता पर सवाल तब खड़ा हुआ जब इसमें नगर निगम ने हाथ खड़े कर दिए। मेयर रामपाल सिंह ने अपर मुख्य सचिव आवास देहरादून को 25 नवंबर को पत्र लिखकर कहा कि उत्तराखंड आवास एवं विकास परिषद एवं निजी विकासकर्ता की सहभागिता से रुद्रपुर के ग्राम मटकोटा और शिमला पिस्तौर में प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत भागीदारी में किफायती आवास घटक के तहत ईडब्ल्यूएस भवनों की परियोजनाएं गतिमान हैं। कहा कि नगर निगम कार्यालय की अनुमति के बिना निजी विकासकर्ता अपनी परियोजना के प्रचार-प्रसार में नगर निगम रुद्रपुर के नाम से आम जनमानस को भ्रमित कर पंजीकरण कराने के नाम पर धनराशि ले रहा है और लोगों को आवास प्राप्ति हेतु नगर निगम कार्यालय भेज रहा है। भ्रामक प्रचार से नगर निगम की छवि को नुकसान पहुंच रहा है। कहा कि इस संबंथ में भौतिक एवं वित्तीय कार्य की जिम्मेदारी आवास एवं विकास परिषद देहरादून और निजी विकासकर्ता की है। नगर निगम का इससे कोई संबंध नहीं है। कहा कि स्वीकृत परियोजना के संबंध में समस्त सूचनाएं अपनी अधिकारिक वेबसाइट पर ससमय ऑनलाइन अपलोड कराने के लिए आदेशित करें, ताकि लोगों को सही जानकारी मिल सके।
सहायक नगर आयुक्त नगर निगम रुद्रपुर ने निदेशक औजस टाउनशिप प्राइवेट लिमिटेड को पत्र लिखकर कहा है कि नगर निगम की अनुमति के बिना रुद्रपुर नगर निगम का नाम प्रचार प्रसार में शामिल किया गया है, साथ ही अभ्यर्थियों को भ्रमित कर उनसे पांच हजार रुपए जमा कराकर परियोजना का ब्रोशर उपलब्ध कराया जा रहा है, जबकि उत्तराखंड आवास एवं विकास परिषद ने परियोजना का ब्रोशर निशुल्क उपलब्ध कराए जाने हेतु निर्देशित किया गया है। पत्र में यह भी कहा गया कि आवास का पंजीकरण कराने वालों को प्रोजेक्ट के निर्माण एवं विकास कार्य पूर्ण करने की तिथि, भवन आवंटन हेतु लाटरी ड्रा की तिथि एवं आवास आवंटन की तिथि की स्पष्ट जानकारी न देते हुए उन्हें नगर निगम कार्यालय भेजा जा रहा है। कहा कि उक्त परियोजना में आवास पंजीकरण के संबंध में उत्तराखण्ड आवास एवं विकास परिषद देहरादून की आधिकारिक वेबसाइट पर भी कोई सूचना एवं टोल फ्री नंबर नहीं है, जिससे आम जनमानस को परियोजना की विश्वसनीयता एवं प्रमाणिकता पर संदेह उत्पन्न हो रहा है तथा नगर निगम कार्यालय को भी आम जनमानस के रोष का सामना करना पड़ रहा है
खास बात यह है कि इस मामले की जानकारी जिला प्रशासन को भी है, लेकिन समय रहते कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। कहीं ऐसा न हो कि सस्ते मकान की आस में लोग ठगे के ठगे रह जाएं।